आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोगों को बिना कुछ किए धन की प्राप्ति हो जाती है. भले ही उन्हें यह धन चाहे पैतृक संपत्ति के रूप में या किसी अनायास प्रयास से प्राप्त हुआ हो. लेकिन उनके धन आगमन के स्रोत बन जाते हैं. शायद आपको नहीं पता होगा कि धन आगमन का एक स्रोत भूमि भी होता है. आपको प्लॉट लेते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए.
जब भी आप घर ले तब यह ध्यान रखें कि वह भूमि कुंकुम, अगर, कपूर, इलायची, चंदन आदि वृक्षों से सुशोभित हो, ऐसी जगह भग भवन निर्माण के लिए उपयुक्त होती है.
जो भूमि मूर्ख अज्ञानी व्यक्ति के द्वारा शासित की जाती है, वह भूमि भी आपके लिए शुभ फलदाई हो सकती है.
जिस भूमि पर धातुओं के स्पंदन शोभित हो, जहां हरियाली हो और मन को शांति देने वाले वृक्षों हो, ऐसी भूमि भी भवन निर्माण के लिए श्रेष्ठ है.
जिस भूमि पर गए बिना किसी प्रयास के अन्न उत्पन्न हो जाते हो, जहां पर कभी भी खेत बाढ़ से नष्ट ना हुए हो, आसपास सुंदर चारागाह हो, वो भूमि भी भवन निर्माण के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
जो भूमि गर्मी में छूने पर भी ठंडक दे, सर्दी के मौसम में गर्म रहे. वर्षा ऋतु में ठंडे और-गर्म दोनों का एहसास दे. उस भूमि को आचार्यों ने अच्छा बताया है.
जिस भूमि कपाल, हड्डियां, बाल, पत्थर, चूहों के बिल आदि मौजूद होते हैं, वहां घर बनाने से लोगों का सुखचैन भी छिन जाता है.
दुर्गंध मल-मूत्र वाली जगह पर कभी भी घर नहीं बनाना चाहिए. जिस भूमि पर आप खड़े हो या जिसे खरीदने की सोच रहे हो वहां यदि गीदड़, कुत्ता, गधे की ध्वनि सुनाई दे या कोई भी अजीब सुनाई दे तो ऐसी भूमि भवन निर्माण के लिए बिल्कुल भी योग्य नहीं होती.
हमेशा भूमि लेते समय ध्यान रखें कि उसके पास कोई भी कब्रिस्तान ना हो. ना ही वहां कभी मृत शिशु को दफनाया गया हो.
भूमि खरीदते समय आप हलचल वाकर उस जमीन का परीक्षण कर सकते हैं. यदि हल चलाते समय भूमि से लकड़ी निकले, तो वह घर अग्निमय होगा और आग लगने का खतरा हमेशा बना रहेगा.
यदि हल चलाते समय ईंटें निकलें तो आपके घर में धन का आगमन होगा.
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